1. भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर आपने कई फिल्मे देखी होंगी, इससे जुड़ी कई खबरें भी आप पढ़ते रहे होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं यह काम कैसे करता है? किस अहम मिशन को रॉ ने पूरा किया है? पड़ोसी देशों में रॉ को लेकर हलचल है लेकिन अगर आप किसी दोस्त से रॉ की कुछ डिटेल्स पूछें तो शायद ही उसे इस बारे में कोई आइडिया हो...
2. देश में ज्यादातर लोग भारतीय खुफिया एजेंसी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते। हकीकत में, वो पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बारे में आपको ज्यादा बता देंगे लेकिन रॉ के बारे में कुछ भी नहीं। यह सही बात नहीं है कि विदेशी, खास तौर से पाकिस्तानी हमसे ज्यादा रॉ के बारे में जानें।
3. आज, हम आपके सामने रिसर्च ऐंड अनैलिसिस विंग (रॉ) से जुड़े ऐसे फैक्ट्स लेकर आ रहे हैं जो आपकी जानकारी को तो बढ़ाएगा ही, आपको गौरवान्वित भी कर देगा...
4. रॉ का सिद्धांत ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ है, जिसका मतलब है कि जो शख्स धर्म की रक्षा करता है वह हमेशा सुरक्षित रहता है।
5. रॉ का गठन 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद तब किया गया, जब इंदिरा गांधी सरकार ने भारत की अग्रिम सुरक्षा की जरूरत को महसूस किया।
6. रॉ का कानूनी दर्जा अभी भी अस्पष्ट ही है। आखिर क्यों रॉ एक एजेंसी नहीं बल्कि विंग है? यही बात रॉ संसद के प्रति जवाबदेह नहीं है और यह सूचना के अधिकार कानून से भी बाहर है।
7. रॉ का गठन अमेरिकी के सीआईए की तर्ज पर ही किया गया है। इसके ऑफिशल्स को अमेरिका, यूके और इजरायल में ट्रेनिंग जी जाती है।
8. रॉ के ट्रेनीज को सेल्फ डिफेंस की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। खासतौर से क्रव मगा और जासूसी डिवाइस के इस्तेमाल के मामले में...
9. फाइनैंशियल, इकनॉमिक अनैलिसिसि, स्पेस टेक्नॉलजी, इंफॉर्मेशन सिक्यॉरिटी, एनर्जी सिक्यॉरिटी और साइंटिफिक नॉलेज जैसी जानकारी ट्रेनीज को दी जाती हैं।
10. रिक्रूट को किसी एक फॉरेन लैंग्वेज में स्पेशलाइज किया जाता है और उसे जियो स्ट्रैटिजिक अनैलिसिस से भी परिचित कराया जाता है। सीआईए, केजीबी, आईएसआई, मोसाद, एमआई6 जैसी घातक खुफिया एजेंसियों की केस स्टडीज भी पढ़ाई जाती है।
11. शुरुआत में, रॉ में नियुक्ति आईबी, इंडियन पुलिस सर्विस, मिलिट्री या रेवेन्यू डिपार्टमेंट से होती है। हालांकि, खुफिया एजेंसी ने यूनिवर्सिटीज से स्टूडेंट्स को लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
12. बांग्लादेश का उदयः 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों में जब बांग्लादेश की नींव डालने की कोशिश जारी थी, उस समय RAW ने सूचनाओं के आदान-प्रदान में बेहतरीन भूमिका निभाई। मुक्ति वाहिनी की रॉ ने भरपूर मदद की, जिसके परिणाम स्वरूप पूर्वी पाकिस्तान को नया नाम ‘बांग्लादेश’ मिला, हालांकि पहले राष्ट्र अध्यक्ष मुजीबुर रहमान ने रॉ के इनपुट की अवहेलना की जिसके कारण वे इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार बन गए।
13. हालांकि पहले राष्ट्र अध्यक्ष मुजीबुर रहमान ने रॉ के इनपुट की अवहेलना की जिसके कारण वे इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार बन गए।
14. आपरेशन काहुटा बेहद ही साहसिक अभियान था। इस ऑपरेशन में रॉ ने पाकिस्तान के लॉन्ग रेंज मिसाइल प्रोग्राम का पता लगा लिया था वो भी उस मिशन में लगे वैज्ञानिकों के बालों के माध्यम से। रॉ एजेंट्स ने 1978 के पहले ही पकिस्तान के खूंखार परमाणु क्षमता से लैस होने की तैयारी का पता लगा लिया था, लेकिन यह मिशन देश के तत्कालीन नेतृत्व की कूटनीतिक खामी की वजह से कामयाब नहीं हो सका।
15. भारत के पहले न्यूक्लिटर प्रोग्राम को रहस्य में रखने के लिए ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा नाम रॉ ने ही दिया था।
16. इस मिशन में रॉ को भारत में ही डिप्लॉय किया गया था। नतीजा आपको पता है कि किस तरह भारत द्वारा 15 किलोटन प्लुटोनियम डिवाइस के विस्फोट के बाद दुनिया में हमारी सामरिक साख में कैसा परिवर्तन आया और अमेरिका और पाक सहित सभी पश्चिमी देश ठगे से रह गए।
17. सिक्किम को भारत में शामिल करने का श्रेय भी बहुत हद तक रॉ को जाता है। रॉ ने वहां के नागरिकों को भारत समर्थक (प्रो इंडियन) बनाने में अहम भूमिका निभाई।
18. 1984 में, रॉ ने पाकिस्तान के ऑपरेशन अबाबील के बारे में जानकारी दी जिसमें दुश्मन देश सियाचिन की सल्तोरो चोटी पर कब्जा करने के मिशन में जुटा था। इसी जानकारी के आधार पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया और पाकिस्तानी सेना को क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही बुरी तरह खदेड़ दिया गया।
19. ऑपरेशन चाणक्यः पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा समर्थित कई अलगाववादी संगठनों और आतंकवाद को कश्मीर घाटी से दूर करने के लिए रॉ ने 'ऑपरेशन चाणक्य' नाम से एक खुफिया ऑपरेशन चलाया। यह कितना सफल रहा इसका अंदाजा आप इसी बात से लगाता है कि आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के 2 धड़ों में बंटने के पीछे भी का कारण भी यही ऑपरेशन था।
20. ऑपरेशन लीचः यह रॉ के सबसे बेहतरीन ऑपरेशंस में से एक माना जाता है। उत्तर-पूर्व के विद्रोही देश की अखंडता को भंग करना चाहते थे इसलिए रॉ ने बर्मा के विद्रोहियों और लोकतांत्रिक लोगों का खूब पोषण किया। रॉ ने NUPA के 34 गुरिल्ले विद्रोहियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके मिलिट्री कमांडर को मार गिराया।
21. रॉ की सभी चीफ पाकिस्तान या चीन के एक्सपर्ट होते हैं। 31 दिसंबर 2014 से रॉ चीफ का पद संभाल रहे राजिंदर खन्ना इस्लामिक आतंकवाद के एक्सपर्ट बताए जाते हैं।
22. रॉ ने पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख रहे परवेज मुशर्रफ और उनके चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज की बातचीत को टैप किया था। इस टैपिंग से करगिल घुसपैठ में पाकिस्तान की संलिप्तता की बात की पुष्टि हो गई।
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