जानिये क्या है विश्व व्यापार संगठन (WTO)?
विश्व व्यापार संगठन World Trade
Organisation (WTO) वर्तमान वैश्वीकृत युग में देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा उसके नियमन का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह संगठन पूर्व में स्थापित व कार्यरत गैट
(GATT-General Agreement on Tariff and Trade) का उत्तराधिकारी है। 1944 में अमरीका के शहर ब्रेटन वुड्स में आयोजित सम्मेलन द्वारा तीन संस्थाओं– विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा गैट की स्थापना की निर्णय लिया गया। यहां यह समझ लेना आवश्यक है कि ये तीनों संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्थाएं नहीं हैं। इनकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के बाहर की गई है। इसकी स्थापना 30 अक्टूबर, 1947 को की गई थी। निर्धारित संख्या में राष्ट्रों के अनुमोदन के उपरान्त गैट 1 जनवरी, 1948 से क्रियाशील हुआ। गैट एक अस्थायी व्यवस्था थी, क्योंकि इसके स्थान पर उसी वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन की स्थापना की जानी थी, लेकिन निर्धारित संख्या में राष्ट्रों ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन की संधि का अनुमोदन नहीं किया। अत: यह संगठन कभी अस्तित्व में नहीं किया। अत: यह संगठन कभी अस्तित्व में नहीं आ पाया। परिणामत: भविष्य में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रबन्धन के क्षेत्र में गैट काम करता रहा।
वैश्वीकरण की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्व व्यापार संगठन की स्थापना का निर्णय अप्रैल 1994 के मरक्कास समझौते के अन्तर्गत लिया गया था। इस समझौते के परिणामस्वरूप 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हुई इसकी स्थापना के साथ ही गैट का अस्तित्व समाप्त हो गया। विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय भी जेनेवा में है। यह संगठन गैट से अधिक शक्ति सम्पन्न है तथा इसके कार्यों का दायरा भी अधिक व्यापक है। वास्तव में विश्व व्यापार संगठन वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ते व्यापार के नियमन व प्रबन्धन के लिए किया गया है। अभी तक 164 देशों ने इसकी सदस्यता ग्रहण कर ली है।
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य
विश्व व्यापार संगठन के चार्टर की प्रस्तावना में इसके निम्न उद्देश्य वर्णित हैं–
1. सम्पूर्ण विश्व में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना।
2. विश्व में वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग में वृद्धि को सुनिश्चित करना तथा रोजगार के अवसर बढ़ाना।
3. वस्तुओं के उत्पादन तथा व्यापार को बढ़ावा देना।
4. सेवाओं के उत्पादन तथा व्यापार को बढ़ाने का प्रयास करना।
5. वैश्विक संसाधनों के सद्रुपयोग को सुनिश्चित करना।
6. जीवन्त विकास की धारणा को प्रोत्साहित करना।
7. पर्यावरण के संरक्षण को प्रोत्साहित करना।
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य
विश्व व्यापार संगठन के चार्टर की प्रस्तावना में इसके निम्न उद्देश्य वर्णित हैं–
1. सम्पूर्ण विश्व में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना।
2. विश्व में वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग में वृद्धि को सुनिश्चित करना तथा रोजगार के अवसर बढ़ाना।
3. वस्तुओं के उत्पादन तथा व्यापार को बढ़ावा देना।
4. सेवाओं के उत्पादन तथा व्यापार को बढ़ाने का प्रयास करना।
5. वैश्विक संसाधनों के सद्रुपयोग को सुनिश्चित करना।
6. जीवन्त विकास की धारणा को प्रोत्साहित करना।
7. पर्यावरण के संरक्षण को प्रोत्साहित करना।
विश्व व्यापार संगठन के कार्य
इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विश्व व्यापार संगठन निम्न कार्यों का सम्पादन करता है–
1. विश्व व्यापार समझौतों तथा अन्य बहुपक्षीय व्यापार समझौतों का क्रियान्वयन, उनका प्रशासन हेतु सुविधाएं प्रदान करना।
2. व्यापार तथा शुल्क के मामलों में सदस्य देशों के मध्य विचार—विमर्श तथा विवादों के निबटारे के लिए एक मंच का कार्य करना।
3. व्यापार नीति समीक्षा प्रणाली के नियमों को लागू करना।
4. वैश्विक आर्थिक नीतियों में एकरूपता लाने की दृष्टि से विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्टीय मुद्रा के साथ सहयोग करना।
इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विश्व व्यापार संगठन निम्न कार्यों का सम्पादन करता है–
1. विश्व व्यापार समझौतों तथा अन्य बहुपक्षीय व्यापार समझौतों का क्रियान्वयन, उनका प्रशासन हेतु सुविधाएं प्रदान करना।
2. व्यापार तथा शुल्क के मामलों में सदस्य देशों के मध्य विचार—विमर्श तथा विवादों के निबटारे के लिए एक मंच का कार्य करना।
3. व्यापार नीति समीक्षा प्रणाली के नियमों को लागू करना।
4. वैश्विक आर्थिक नीतियों में एकरूपता लाने की दृष्टि से विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्टीय मुद्रा के साथ सहयोग करना।
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