बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र
- बाल विकाश का परिचय
Introduction to Child Development
Hello
Friends, कैसे हैं आप सब ? I Hope सभी की Study अच्छी चल रही होगी ☺
दोस्तो
आप में से कुछ साथियों ने मुझसे CTET और State TET
के लिए Child Development and Pedagogy (बाल
विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के नोट्स की मांग की थी! तो
उसी को ध्यान में रखते हुये आज से हम अपनी बेबसाइट GK-MARKETs
पर Child Development and Pedagogy के One Liner
Question and Answer के Notes उपलब्ध
कराऐंगे , जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे
CTET , UPTET , MPTET, Bihar TET, MP Samvida Teacher , HTET ,
REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child
Development and Pedagogy से सवाल पुछे जाते हैं उन सभी परीक्षाओं
के लिए यह बहुत हीं महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा।
दोस्तो आज
हम Child Development and Pedagogy (बाल विकास एवं
शिक्षाशास्त्र) की हमारी इस पोस्ट अन्तर्गत हम आपको बाल
विकाश का परिचय (Introduction
to Child Development) से संबंधित Most
Important Question and Answer को बताऐंगे ! साथ ही नीचे दिए गए
Download Button के माध्यम से आप
इसका FREE PDF भी डाउऩलोड कर सकते हैं।
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गर्व, अभिमान एवं अधिकार सम्बन्धित है – द्वेषात्मक संवेग
से
·
क्रोध का सम्बन्ध किस मूल प्रवृत्ति से होता है – युयुत्सा
·
निवृत्ति मूल प्रवृत्ति के आधार पर कौन-सा संवेग उत्पन्न होता है – घृणा
·
आत्म अभिमान संवेग किस मूल प्रवृत्ति के कारण उत्पन्न होता है – आत्म गौरव
·
कामुकता की स्थिति के लिए कौन-सी प्रवृत्तिउत्तरदायी है – काम प्रवृत्ति
·
सन्तान की कामना नाम मूल प्रवृत्ति कौन-सा संवेग उत्पन्न करती है – वात्सल्य
·
दीनता मानव में किस संवेग को उत्पन्न करती है – आत्महीनता
·
भोजन की तलाश किस संवेग से सम्बन्धित है – भूख से
·
रचना धर्मिता मूल प्रवृत्ति से कौन-सा संवेग विकसित होता है – कृतिभाव
·
मैक्डूगल के अनुसार हास्य है – संवेग एवं
मूल प्रवृत्ति
·
संग्रहणमूल प्रवृत्ति का सम्बन्ध है – अधिकार से
·
थकान के कारण बालक के व्यवहार में कौन-सा संवेग उदय हो सकता है – क्रोध
·
संवेगात्मक अस्थिरता पायी जाती है – कमजोर बालकों
में, बीमार
बालकों में
·
संवेगात्मक स्थिरता किन बालकों में देखी जातीहै – प्रतिभाशाली बालकों
में
·
किस परिवार में बालक में संवेगात्मक स्थिरता उत्पन्न होगी – सुरक्षित परिवार
में, प्रतिभाशाली
परिवारमें, सुखद
परिवार में
·
माता-पिता का किस प्रकार का व्यवहार बालकों के लिए संवेगात्मक स्थिरता प्रदान करता है – सकारात्मक
·
किस सामाजिक स्थिति के बालकों में संवेगात्मक अस्थिरता पायी जाती है – निम्न आर्थिक
स्थिति में,
गरीब एवं
दलित परिवारों
में
·
एक बालक को अपने किये जाने वाले कार्यों पर समाज में प्रशंसा एवं पुरस्कार प्राप्त नहीं होता है, तो उसका व्यवहार होगा – संवेगात्मक अस्थिरता
से परिपूर्ण
·
बालकों में संवेगात्मक स्थिरता उत्पन्न करने के लिए शिक्षक को करना चाहिए – सकारात्मक व्यवहार
एवं आत्मीय
व्यवहार
·
संवेगात्मक स्थिरता उत्पन्न करने के लिए विद्यालय में छात्रोंको प्रदान करना चाहिए – पुरस्कार, प्रेरणा,
प्रशंसा
·
विद्यालय में संवेगात्मक स्थिरता प्रदान करने के लिए किस प्रकार की गतिविधियां आयोजित करनी चाहिए – पिकनिक, खेल,
पर्यटन Bal Vikas Shiksha Shastra Notes
·
संवेगात्मक अस्थिरता प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है – शारीरिक विकास को, मानसिक विकास को, सामाजिक विकास को
·
आश्चर्य संवेग का उदय एक बालक में किस मूल प्रवृत्ति के कारण होता है – जिज्ञासा
·
”समाजीकरण एवं व्यक्तिकरण एक ही प्रक्रिया के पहलू है।” यह कथन है – मैकाइवर का
·
”विद्यालय समाज का लघु रूप है।” यह कथन है – ड्यूवी का
·
”वह प्रक्रिया जिससे बालक अपने समाज में स्वीकृत तरीकों को सीखता है तथा अपने व्यक्तित्व का अंग बनाता है।” उसे कहते हैं – सामाजिक
परिवर्तन
·
बालक के समाजीकरण की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है – परिवार
·
बालक के समाजीकरण के लिए प्राथमिक व्यक्ति कहा गया है – माता को
·
बालक के समाजीकरण चक्र का अन्तिम पड़ाव बिन्दु अपने में समाहित करता है – पास-पड़ोस
को
·
”समाजीकरण एक प्रकार का सीखना है, जो सीखने वाले को सामाजिक कार्य करने के योग्य बनाता है।” यह कथन है – जॉनसन का
·
समाजीकरणका आशय रॉस के अनुसार बालकों में कार्य करने की इच्छा विकसित करना है – समूह में
अथवा एक
साथ कार्य
करने में
·
समाजीकरण को सामाजिक अनुकूलन की प्रक्रिया किस विद्वान ने स्वीकार की है – रॉस ने
·
समाजीकरण के माध्यम से व्यक्ति समाज का कैसा सदस्य बनता है – मान्य, कुशल,
सहयोगी
·
एक बालक की समाजीकरण की प्रक्रिया किस परिस्थिति में उचित होगी – पोषण में
·
एक परिवार में बालकों के साथ सहानुभूति एवं प्रेम व्यवहार किया जाता है, परन्तु बालक के कार्यों को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिल पाती है, ऐसी स्थिति में होगा – मन्द समाजीकरण
·
विद्यालय में समाजीकरण की प्रक्रिया के लिए बालकों को कार्यदिया जाना चाहिए – सामूहिक कार्य
·
समाजीकरण में प्रमुख रूप से सहयोगी तथ्य है – सहकारिता
·
निम्नलिखित में किस देश के बालक में समाजीकरण की प्रक्रिया पायी जाती है – भारतीय बालकों
में
·
बालकों की सामाजिक कार्य में भाग लेने की अनुमति मिलने पर समाजीकरणकी प्रक्रिया होती है – तीव्र
·
जिस समाज में सामाजिक विज्ञान शिक्षण को प्रथम विषय के रूप में मान्यता प्रदान की जाती है उस समाज में बालक की समाजीकरणकी प्रक्रिया होती है – तीव्र व
सर्वोत्तम
·
समाजीकरण की प्रक्रिया में प्रमुख रूप से योगदान होता है – पुरस्कार का
एवं दण्ड
का
·
विद्यालय में किस प्रकार का शिक्षण समाजीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है – गतिविधि आधारित
शिक्षण, खेल
आधारित शिक्षण
समूह शिक्षण
·
समाजीकरण की प्रक्रिया में योगदान होता है – मूल प्रवृत्ति
एवं जन्मजात
प्रवृत्यिों का,
बालक के
व्यक्तित्व का
·
मानव जैविकीय प्राणी से सामाजिक प्राणी कब बन जाता है – सामाजिक अन्त:क्रिया द्वारा,
समाजीकरण द्वारा,
सामाजिक सम्पर्क
द्वारा
·
सामान्य रूप से बालकों द्वारा अमर्यादित आचरणों को नहीं सीखा जाता है – सामाजिक अस्वीकृति
Bal Vikas Shiksha Shastra Notes
·
परिवार को झूले की संज्ञा किसने दी – गोल्डस्टीन ने
·
बालक की परिवार में समाजीकरण की प्रक्रिया सम्भव होती है – अनुकरण द्वारा
·
विद्यालय में बालक के समाजीकरण की प्रक्रिया होती है – आपसी अन्त:क्रिया द्वारा,
विभिन्न संस्कृतियों
के मेल
द्वारा, विभिन्न
सभ्यताओं के
मेल द्वारा
·
गोल्डस्टीन के अनुसार समाजीकरण की प्रक्रियासम्भव होती है – सामाजिक विश्वास
एवं सामाजिक
उत्तरदायित्व द्वारा
·
किस समाज में रहने वाले बालक का समाजीकरण तीव्र गति से सम्भव होता है – शिक्षितसमाज में
·
खेलकूद में समाजीकरण की प्रक्रिया की तीव्रताका आधार होता है – अन्त:क्रिया,
प्रेम एवं
सहानुभूति, सहयोग
·
जिस समाज में रीति-रिवाज एवं परम्पराओंका अभाव पाया जाता है – मन्द
·
निम्नलिखितमें से किस स्थान के बालक की समाजीकरण प्रक्रिया तीव्र गति से होगी – मथुरा
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